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जिला कांकेर,,,,,कांकेर में आयोजित राज्य स्तरीय बौद्ध युवक-युवती सम्मेलन, युवा वर्ग ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा

बौद्ध समाज महासभा के तत्वावधान में कांकेर जिले के कृषि उपज मंडी में आयोजित राज्य स्तरीय बौद्ध युवक-युवती परिचय सम्मेलन ने समाज के युवाओं के बीच एक नई उम्मीद और ऊर्जा का संचार किया। यह सम्मेलन बड़े धूमधाम से आयोजित किया गया, जिसमें राज्य भर के विभिन्न जिलों से युवक-युवतियों ने भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में वैवाहिक संबंधों की स्थिरता लाना और युवाओं को उनके जीवनसाथी के चयन में मार्गदर्शन प्रदान करना था।

सम्मेलन का शुभारंभ और प्रमुख आयोजनकर्ता

सम्मेलन का प्रारंभ महाकारुणिक तथागत बुद्ध और भारतरत्न डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर, त्रिसरण और पंचशील ग्रहण कर किया गया। इस अवसर पर बौद्ध समाज महासभा कांकेर के संरक्षक लक्ष्मीचंद रामटेके और अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार रामटेके ने सभा की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में भारतीय बौद्ध महासभा के जिलाध्यक्ष दिलीप मेश्राम (बालोद), पालनहार मेश्राम (धमतरी), चुन्नीलाल मेश्राम (कोंडागांव), ब्लॉक अध्यक्ष रामकांत महाजन (कोंडागांव), और सचिव चंद्रकुमार बरसागड़े (बालोद) जैसे प्रमुख अतिथि उपस्थित रहे।

समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश

इस सम्मेलन के दौरान दिलीप मेश्राम ने अपने संबोधन में युवाओं को यह संदेश दिया कि अब समय आ गया है कि वे अपनी सोच में बदलाव लाएं। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से समाज के लोग शासकीय नौकरी नहीं पा रहे हैं, ऐसे में अच्छे शिक्षित और संस्कारित युवाओं को अपने जीवनसाथी के चयन में विवेकपूर्ण निर्णय लेने की जरूरत है। साथ ही, उन्होंने कहा कि माता-पिता को भी अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए और अपने बच्चों को सही मार्गदर्शन देना चाहिए।

पालनहार मेश्राम ने सोशल मीडिया के प्रभाव पर चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में लोग सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती करते हैं और विवाह करते हैं, लेकिन कई बार यह संबंध लंबे समय तक नहीं टिक पाते। इसलिए, इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता है, जो युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन करें।

चुन्नीलाल मेश्राम ने इस आयोजन की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल समय और पैसे की बचत करते हैं, बल्कि समाज के लिए भी एक सराहनीय कदम होते हैं।

सम्मेलन की सफलता और योगदान

सम्मेलन में 40 युवक-युवतियों ने हिस्सा लिया, जो छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों और गांवों से आए थे, जैसे कि राजनांदगांव, मोहला, मानपुर, अम्बागढ़ चौकी, भिलाई, दुर्ग, बालोद, गरियाबंद, रायपुर, धमतरी, नगरी, नारायणपुर, कोंडागांव, लोहंडीगुड़ा, जगदलपुर और बीजापुर। इस सम्मेलन में युवक-युवतियों का रजिस्ट्रेशन निःशुल्क था और सभी के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई थी।

सम्मेलन का संचालन बौद्ध समाज महासभा कांकेर के सचिव डावेलाल उके ने किया। आयोजन में विशेष आर्थिक सहयोग धर्मेंद्र मेश्राम, योगेन्द्र रामटेके, डावेलाल उके, केशव गायकवाड़, चुन्नीलाल रामटेके, माखन नागदौने, चिंताराम लोन्हारे, खापर्डे परिवार (सुभिया मुड़पार), और मेश्राम परिवार (जेपरा) का था।

इस सम्मेलन के सफल आयोजन में बौद्ध महासभा के कोषाध्यक्ष केशव गायकवाड़, उपाध्यक्ष राजेंद्र वाल्मीकि, चिंताराम लोन्हारे, घुराऊ गनवीरे, चुन्नीलाल रामटेके, राजकुमार रामटेके, श्यामलाल वाल्मीकि, सुरेश गढ़पाले, परमानंद रामटेके, शंकर लोन्हारे, बाबूलाल मेश्राम, प्रद्युम्न खापर्डे, उमेश रामटेके, नंदलाल सहारे, सुनील गनवीरे, नितेश रामटेके, राम मेश्राम, कमलेश्वरी दुर्गे, लक्ष्मी मेश्राम, मंजू बागड़े, अनिता बागड़े, संजय मेश्राम, बीरेंद्र लोन्हारे, योगेंद्र गायकवाड़ और सभी सामाजिक बौद्ध अनुयायियों का विशेष योगदान रहा।

मुख्य अतिथि की अपील

सम्मेलन के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि लक्ष्मीचंद रामटेके ने इस आयोजन को अद्वितीय बताते हुए युवाओं से अपील की कि वे इस प्रकार के आयोजनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें, ताकि समाज में एकजुटता बनी रहे और सकारात्मक बदलाव आ सके। साथ ही, उन्होंने युवाओं को सोशल मीडिया के सकारात्मक पहलुओं को अपनाने और नकारात्मकता से दूर रहने की सलाह दी।

समाज में बदलाव की ओर कदम

इस राज्य स्तरीय बौद्ध युवक-युवती सम्मेलन ने समाज में एक नई दिशा और सोच का आह्वान किया। युवाओं को अपने जीवन साथी के चयन में विवेकपूर्ण सोच अपनाने के लिए प्रेरित किया गया और सोशल मीडिया के प्रभाव से सतर्क रहने की भी सलाह दी गई। इस सम्मेलन ने यह सिद्ध कर दिया कि समाज में बदलाव के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं और इस तरह के आयोजनों से समाज में एकजुटता और समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं।

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