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कबीरधाम,,,,,विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की शांति बैगा को मिला सपनों का आशियाना

पदमराज सिंह ठाकुर जिला कबीरधाम

प्रधानमंत्री जनमन योजना से पक्का मकान का सपना हुआ पूरा

सरकार की योजनाओं से सशक्त बनीं शांति बाई बैगा, पक्का घर और पेंशन से मिला जीवन में बदलावकवर्धा, 16 जनवरी 2024। यह कहानी है जनपद पंचायत बोड़ला के ग्राम पंचायत सिघनपुरी के आश्रित ग्राम हाथीडोब में निवास करने वाली शांति बाई बैगा की है। जो कि विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय से है। प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में आवास की स्वीकृति प्रदान कर दी गई एवं प्रथम किश्त की राशि के 40 हजार रूपए आवास स्वीकृति के पश्चात उनके बैंक खाता में ऑनलाईन डी.बी.टी के माध्यम से की गई। प्लींथ स्तर के पश्चात द्वितीय किश्त की राशि 60 हजार रूपए तथा छत स्तर के पश्चात तृतीय किश्त की राशि 80 हजार रूपए उपलब्ध कराई गई। राशि 20 हजार रूपए जब आवास पूर्ण हो गया जब उन्हे अंतिम किश्त के रूप मे उपलब्ध कराया गया, जिससे शांति बाई बैगा द्वारा जिले का प्रथम प्रधानमंत्री जनमन आवास को पूर्ण कराने में काफी सुविधा हुई। शासन से घर बनाने के लिए पैसे मिल गये और घर का काम करने से इन्हे महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के तहत 95 दिवस की मजदूरी भुगतान की राशि 23 हजार 850 एवं स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रूपए की राशि अभिषरण के माध्यम से मिला।

आवास के साथ-साथ शांति बाई बैगा को विभिन्न योजनाओं जैसे निराश्रित पेशन योजना के तहत 350 रूपए पेंशन, मुख्यमंत्री खाद्यान योजना के तहत राशन सामाग्री सहित अन्य शासकीय सुविधाओं से लाभान्वित किया गया है। इस प्रकार शासन कि इस महत्वपूर्ण योजना ने अपने उपलब्धियों को सार्थक करते हुए विशेष पिछड़ी जनजातियों के ऐसे परिवार जिन्होनें कभी अपने पक्के आवास का ख्वाब देखना भी छोड़ दिया था, उन्हे मुख्यधारा में मुख्यधारा से जोड़ते हुए जमीनी स्तर पर अपना सपना पूरा होना परिलक्षित कर दिखाया है। शांति बाई बैगा जोकि एक विधवा एकल महिला होने के साथ ही अधिक आयु की है, जिसके कारण ज्यादा बोलने एवं सुनने में असमर्थ है। उन्होंने शासन को धन्यवाद देते हुए कहती है कि “मैं कबहूं सोचे नई रहैंव के मोरो जिन्दगी म अब कोई खुशी आ सकही अईसे म मैं अपन सरकार ल धन्यवाद करथ हंव जेन ह मोर जईसे अकेला महिला के अतका मदद करईस के आज मैं ह अपन पक्का के आवास म सुख और सुरक्षित जियत खात हंव।

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