कबीरधाम,,,,,,,,,,,सर्व क्षत्रिय राजपूत समाज भारतवर्ष का प्रदेश स्तरीय बैठक बिलासपुर में संपन्न हुआ..

पदमराज सिंह ठाकुर,,,,,छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय “सर्व क्षत्रिय राजपूत समाज” के विभिन्न क्षत्रिय संगठनों का एक ऐतिहासिक एवं अनूठा समन्वय महाबैठक दिनाँक 22 सितम्बर 2024 को स्थान तिलक नगर बिलासपुर में आयोजित हुआ जिसके संयोजक ऊर्जावान नवयुवक रहे। छत्तीसगढ़ में पंजीकृत अथवा अपंजीकृत विविध क्षत्रिय संगठनों के मन में चिर प्रतीक्षित संकल्पना थी कि देश काल और परिस्थितियों के आधार पर एक सर्वमान्य संगठन की रचना हो जिससे छत्तीसगढ़ में निवासरत क्षत्रियों की पहचान, सामाजिक समस्याएं एवं उनके समाधान करते हुए सर्वांगीण विकास पर सम्यक चिंतन हो सके। इसके साथ साथ वास्तविक सामाजिक गणना भी संभव हो सके जिससे शासन में सहभागिता सुनिश्चित किया जा सके ।
जहां एक ध्येय स्मरण रहे कि हम क्षत्रिय हैं। इस स्वप्न को साकार करने विविध क्षत्रिय संगठनों के प्रमुखों एवं उनके कार्यकारी सदस्यों को विधिवत आमंत्रित किया गया। जहां बहुतायत संख्या में उपस्थिति रही। क्षत्रिय परंपरानुसार जगतजननी मां महामाया हिंगलाज भवानी और आदर्श राज के प्रतीक भगवान श्री राम चंद्र जी दरबार के तैल चित्रों के वंदन पूजन अर्चन सह दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। पश्चात् शंखनाद, ज्योति मंत्र और स्वस्तिवाचन से सभागार गूंज उठा। सभागार में उपस्थित समस्त क्षत्रियों का तिलक रोली से स्वागत किया गया। प्रास्ताविक उद्बोधन में क्षत्रियों के इतिहास का स्मरण कराते हुए इतिहास में किए गए विद्रूपताओं के लिए एवं उन्हें यथोचित रूप देने हेतु एक प्रस्ताव पारित करने पर बल दिया गया ।
वर्तमान संदर्भ में विभिन्न संगठनों के मध्य भेदभाव को भूलकर एक मात्र क्षत्रिय कल्याण पर केंद्रित योजना बनाने की आवश्यकता अनुभव की गई जिसे उपस्थित सभी क्षत्रियों ने वैचारिक समर्थन प्रदान किए। कतिपय सदस्यों ने एक सोपान आगे बढ़कर रोटी बेटी के व्यवहार मे भी चिंतन करने का मंत्र दिया। सभी वक्ताओं ने क्षत्रिय संगठन के कल्याण के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालते हुए क्षत्रिय एकता पर ही संकल्प दोहराएं। प्रत्येक क्षत्रिय समाज से 2 से 5 सदस्यों के साथ एक सर्वमान्य “महासंगठन” निर्माण करने का प्रस्ताव भी आया।
वय वरिष्ठ/सेवा निवृत्त क्षत्रियों ने कार्यक्रम की सफलता को स्वीकार करते हुए भावी योजनाएं एवं कार्यान्वयन हेतु आशीर्वाद भी प्रदान किए । कृतज्ञता ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
उक्त जानकारी अरविन्द सिंह राजपूत ने दी।
