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जिला कबीरधाम,,,,,,नेशनल लोक अदालत 10 मई को प्रधान जिला न्यायाधीश कवर्धा ने निरन्तर बैठक लेकर अधिकारियों को दिये दिशा-निर्देश

पदमराज सिंह ठाकुर जिला कबीर धाम

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली (नालसा) के निर्देशानुसार 10 मई, 2025 को नेशनल लोक अदालत का होगा आयोजन

कवर्धा, 24 अप्रैल 2025। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली (नालसा) के निर्देशानुसार 10 मई, 2025 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कबीरधाम श्रीमती सत्यभामा अजय दुबे द्वारा निरन्तर आवश्यक बैठक आयोजित की जा रही है। 21 अप्रैल 2025 को समस्त न्यायाधीशगण की बैठक ली गई एवं दिनांक 22 अप्रैल 2025 को जिला प्रशासन के अधिकारियों की बैठक ली गई वहीं 23 अप्रैल को सभी बीमा कॅम्पनियों के अधिकारियों, अधिवक्ताओं तथा पक्षकारों के अधिवक्ताओं के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर मोटर दावा दुर्घटना के लम्बित प्रकरणों को राजीनामा से निराकृत करने के संबंध में परिचर्चा की गई। जिला प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की जाकर अधिकाधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों के संबंध में कार्यवाही करने तथा नोटिस तामिली के संबंध में आवश्यक निर्देश दिये गये। बैठक में प्रमुख रूप से राजीनामा योग्य अधिकाधिक प्रकरणों का निराकरण तथा प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व वाद प्रकरण) प्रकरणों का अधिक से अधिक संख्या में रखा जाकर, निराकरण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। नगर निगम, विद्युत विभाग, बीएसएनएल एवं बैंको को वसूली योग्य प्रकरणों को प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व वाद) प्रकरण के रूप शीघ्र प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है।
नेशनल लोक अदालत दिनांक 10 मई 2025 में राजीनामा योग्य समस्त प्रकृति के प्रकरणों का निराकरण किया जाना है, जिसमें दाण्डिक प्रकरण, चेक बाउन्स अर्थात् 138 वाले मामले, बैंक रिकवरी अर्थात् प्री-लिटिगेशन प्रकरण, मोटरयान अधिनियम से संबंधित प्रकरण, भरण पोषण एवं पारिवारिक विवाद प्रकरण, श्रमिक प्रकरण, जमीन विवाद प्रकरण, सम्पत्ति विवाद, विद्युत प्रकरण, जलकर प्रकरण, सम्पत्ति कर, टेलीफोन बिल वसूली प्रकरण तथा राजस्व प्रकरणों को नियत किया गया है। पक्षकारगण के मध्य उपजे विवाद को वैकल्पिक विवाद समाधान के तहत नेशनल लोक अदालत में उनके मध्य राजीनामा की सम्भावनाओं को तलाश करते हुए, उक्त नेशनल लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन हेतु अधिक से अधिक प्रीसिटिंग कर लम्बित प्रकरणों को चिन्हांकित करते हुए निराकरण हेतु रखे जाने के निर्देश न्यायिक अधिकारियों को भी दिया गया है।

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