मस्तूरी,,,,प्राथमिक शाला रहटाटोर: प्रधान पाठक पर बच्चों को गाली देने और मारने के आरोप, जांच की मांग

रहटाटोर, पचपेडी, [तारीख] – पचपेडी क्षेत्र के ग्राम पंचायत रहटाटोर स्थित प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक पर बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार करने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। ग्रामीणों ने शिकायत की है कि प्रधान पाठक बच्चों को अश्लील गालियां देते हैं, मारपीट करते हैं और उन्हें घर पर इस घटना की जानकारी देने से मना करते हैं।
ग्रामीणों ने की शिकायत, पहुंचे पत्रकार
गांव के कुछ चिंतित अभिभावकों ने पत्रकारों को बुलाकर मामले को उजागर किया। उनका कहना है कि प्रधान पाठक के व्यवहार से बच्चे भयभीत रहते हैं और स्कूल जाने से कतराने लगे हैं। बच्चों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार की शिकायत लेकर ग्रामीण कई बार प्रधान पाठक से मिलने गए, लेकिन उन्होंने अपनी हरकतें बंद नहीं कीं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान पाठक का यह व्यवहार न केवल बच्चों की पढ़ाई के लिए बाधक है, बल्कि उनके मानसिक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
बीईओ सोनवानी का बयान
इस मामले में मस्तुरी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) सोनवानी ने कहा, “यह बहुत गंभीर मामला है। इस प्रकार का आचरण एक शिक्षक को शोभा नहीं देता। यदि आरोप सही पाए गए तो प्रधान पाठक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
मामले की जांच की मांग
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले की तुरंत जांच कर दोषी प्रधान पाठक को पद से हटाया जाए। उनका कहना है कि इस प्रकार के व्यवहार से बच्चों का शिक्षा के प्रति विश्वास डगमगा रहा है और विद्यालय का माहौल दूषित हो रहा है।
अभिभावकों का गुस्सा
अभिभावकों ने कहा कि शिक्षक, जिनसे बच्चों को संस्कार और शिक्षा की उम्मीद होती है, यदि वही इस तरह का व्यवहार करेंगे, तो इसका गहरा असर बच्चों के व्यक्तित्व और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ेगा।
प्रभावित बच्चों के बयान
स्कूल के कुछ बच्चों ने बताया कि प्रधान पाठक उन्हें छोटी-छोटी बातों पर गालियां देते हैं और मारते हैं। बच्चों ने डर के कारण अपने अभिभावकों को यह बात बताने से इनकार किया। एक बच्चे ने कहा, “हम डरते हैं कि अगर हमने घर में बताया, तो वे हमें और ज्यादा मारेंगे।”
समाज का आक्रोश
ग्रामीणों और पंचायत के सदस्यों ने इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन इस मामले पर जल्द कार्रवाई नहीं करता है, तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, और इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निष्कर्ष
रहटाटोर प्राथमिक शाला में प्रधान पाठक द्वारा किए जा रहे दुर्व्यवहार का मामला बेहद गंभीर है। इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा क्षेत्र में अनुशासनहीनता और अमानवीयता को उजागर किया है। ग्रामीणों और अभिभावकों ने प्रशासन से इस मामले की त्वरित जांच कर दोषी शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की है, ताकि बच्चों को सुरक्षित और सकारात्मक माहौल में शिक्षा प्राप्त हो सके।