Blog

छत्तीसगढ़,,,,,18 मार्च से पंचायत सचिवों के कलम बंद हड़ताल,,

पदमराज सिंह,,,,,रायपुर – सरकारी योजनाओं को धरातल पर मूर्त रूप देने में अग्रणी रहने वाले पंचायत सचिवों की बरसों से एक ही मांग रही है कि उनका शासकीयकरण किया जाए लेकिन सालों साल से नेताओं ने इनसे वादे तो किए लेकिन उस पर अमल किसी ने नहीं किया । भाजपा ने भी अपने संकल्प पत्र में ये दावा किया था कि यदि उनकी सरकार प्रदेश में आती है तो सौ दिन के अंदर पंचायत सचिवों का शासकीयकरण कर दिया जाएगा लेकिन अब सरकार बने 400 से भी ज्यादा दिन हो गए लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की है । सरकार की वादा खिलाफी के खिलाफ प्रदेश भर के दस हजार से भी ज्यादा सचिवों ने रायपुर में आज विधान सभा घेराव किया और अपनी मांग सरकार के सामने रखी ।

सचिव संघ का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान मोदी की गारंटी संकल्प पत्र में भाजपा ने वादा किया था कि सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाएगा । पंचायत सचिवों ने इस वादे पर भरोसा करते हुए भाजपा सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,लेकिन सरकार बनने के 17 महीने बाद भी यह वादा अधूरा है,जिससे पंचायत सचिवों में आक्रोश है।पंचायत सचिवों का कहना था कि सात जुलाई को प्रदेश में पंचायत सचिवों के स्थापना दिवस के दिन आभार एवं आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया गया था जिसमें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पंचायत मंत्री विजय शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह महिला व बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े एवं भाजपा संकल्प पत्र के संयोजक व दुर्ग सांसद विजय बघेल उपस्थित थे,लेकिन पंचायत सचिवों के शासकीयकरण को लेकर ठोस आश्वासन नही दिया गया । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कंहा था कि घोषणा की जरूरत नही है अमल में लाया जाएगा परन्तु 422 दिन बाद भी कोई ठोस पहल नही होने से पंचायत सचिवों के परिवारों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश व रोष व्यापत है और वे आंदोलन के लिए बाध्य है।

अनिश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान’ 18 मार्च से प्रदेश भर के पंचायत सचिव ब्लाक मुख्यालय में काम बंद कलम बंद अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जाने का ऐलान कर चुके है । पंचायत सचिव संघ के पदाधिकारियों का कहना है जब तक मांग पूरा नही हो जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। अगर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो 1 अप्रैल को राजधानी रायपुर में प्रदेशभर के पंचायत सचिव मंत्रालय का घेराव करेंगे। अब देखना यह है कि सरकार पंचायत सचिवों के विगत 30 वर्षों से लंबित मांग को कब तक पुरा करती है जिससे पुनः पंचायत सचिव ग्राम पंचायत में लौटकर जनहित के कार्य को कर सके।

Back to top button

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!