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Ensnews.in,,,,,,WHO की सलाह: जरूरी टीके लगवाएं, अनावश्यक एंटीबायोटिक से करें परहेज, टाली जा सकती हैं असमय मौतें

रोगाणुरोधी प्रतिरोध की समस्या से निपटने में वैक्सीन (टीकों) की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण  है। इनकी मदद से संक्रमण की रोकथाम मुमकिन है और एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग में कमी लाई जा सकती है। साथ ही इन दवाओं को बेअसर करने वाले रोगाणुओं के उभरने व फैलने की गति को धीमा किया जा सकता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी नई रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा है कि वैक्सीन में अधिक निवेश से रोगाणुरोधी प्रतिरोध यानी एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेन्स (एएमआर) के कारण होने वाली मौतों को टाला जा सकता है। इसलिए लोगों को सलाह दी गई है कि देश में उपलब्ध टीकों का बेहतर इस्तेमाल करें और मौजूदा सरकारें इस दिशा में सक्रिय कार्रवाई करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी नई रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा है कि वैक्सीन में अधिक निवेश से रोगाणुरोधी प्रतिरोध यानी एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेन्स (एएमआर) के कारण होने वाली मौतों को टाला जा सकता है। इसलिए लोगों को सलाह दी गई है कि देश में उपलब्ध टीकों का बेहतर इस्तेमाल करें और मौजूदा सरकारें इस दिशा में सक्रिय कार्रवाई करें।दवाओं का बेजा इस्तेमाल बड़ी समस्या
रिपोर्ट के अनुसार, जीवन रक्षक दवाएं लाखों लोगों का जीवन बचाने में मदद करती हैं, लेकिन दुनियाभर में एंटीबायोटिक दवाओं का होता बेजा इस्तेमाल एक बड़ी समस्या बन चुका है। रोगाणुरोधी प्रतिरोध एक ऐसी चुनौती है, जिसमें  समय के साथ रोग फैलाने वाले जीवाणुओं, विषाणुओं और फंगस के साथ परजीवियों में ऐसे बदलाव आने लगते हैं कि एंटीबायोटिक दवाएं उन पर बेअसर होने लगती हैं। रोगाणुरोधी प्रतिरोध सालाना 50 लाख मौतों के लिए जिम्मेदार है। हालांकि, इसमें कोई शक नहीं कि एंटीबायोटिक्स से लेकर एंटीवायरल जैसी एंटीमाइक्रोबियल दवाओं ने लोगों की जाने बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एक सदी पहले इनकी खोज के बाद से ही लोगों की औसत जीवन प्रत्याशा में इजाफा हुआ है।

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